UP Influencer Scheme : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य कैबिनेट में डिजिटल मीडिया नीति (Digital Media Policy) को मंजूरी दे दी है। इस नई सोशल मीडिया पॉलिसी के तहत, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को यूपी सरकार की योजनाओं का प्रचार करने पर 4 से 8 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यानी, जो इन्फ्लुएंसर्स सरकार की योजनाओं का प्रचार करेंगे, उन्हें इस काम के लिए वित्तीय सहयोग मिलेगा। इसके विपरीत, अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर अनुचित, अभद्र, या राष्ट्र-विरोधी सामग्री पोस्ट करता है, तो उसे जेल भी हो सकती है।
UP Influencer Scheme : एजेंसियों और इन्फ्लुएंसर्स की लिस्ट तैयार होगी
उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद के अनुसार, राज्य सरकार अपनी नीतियों को बढ़ावा देने के लिए एजेंसियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की लिस्ट तैयार करेगी। ये लिस्ट कंटेंट, ट्वीट, वीडियो, और रील्स के माध्यम से सरकारी योजनाओं का प्रचार करने के लिए बनाई जाएगी। इस काम के लिए इन्फ्लुएंसर्स और एजेंसियों को उनके फॉलोवर्स की संख्या के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने इस नीति का विरोध किया है, लेकिन बड़े फॉलोइंग वाले इन्फ्लुएंसर्स के लिए यह एक शानदार अवसर है जहां वे सरकारी योजनाओं का प्रचार कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
UP Influencer Scheme : इस प्रकार से मिलेगा मासिक भुगतान
इस नीति के अनुसार, इन्फ्लुएंसर्स को उनकी श्रेणी के आधार पर एक्स (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक, और इंस्टाग्राम पर सरकार के विज्ञापन करने के लिए हर महीने दो लाख से पांच लाख रुपए तक का भुगतान किया जाएगा। वहीं, यूट्यूब पर वीडियो, शॉर्ट्स, या पॉडकास्ट के माध्यम से प्रचार करने पर चार लाख से आठ लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी। इन्फ्लुएंसर्स को सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित सामग्री बनाकर उसे सोशल मीडिया पर शेयर करना होगा, जिसके बदले उन्हें नकद राशि प्रदान की जाएगी।
डिजिटल मीडिया नीति का उद्देश्य
योगी सरकार की इस डिजिटल मीडिया नीति का मुख्य उद्देश्य यह है कि सरकार की जन कल्याणकारी और लाभकारी योजनाओं की जानकारी जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचे। इसके लिए अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकारी योजनाओं और उपलब्धियों से जुड़ी पोस्ट, वीडियो, और रील्स को साझा करने पर इन्फ्लुएंसर्स को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
राष्ट्र-विरोधी सामग्री पर सख्त सजा का प्रावधान
इस नीति में एक महत्वपूर्ण प्रावधान यह है कि अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर राष्ट्र-विरोधी सामग्री पोस्ट करता है, तो उसे तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इससे पहले, ऐसे मामलों में आईटी एक्ट की धारा 66E और 66F के तहत कार्रवाई होती थी। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति अभद्र या अश्लील सामग्री पोस्ट करता है, तो उसके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी दायर किया जा सकता है। इसलिए, उत्तर प्रदेश के नागरिकों को सोच-समझकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करनी चाहिए।
रजिस्ट्रेशन से मिलेगा नीति का लाभ
इस नीति का लाभ उठाने के लिए, इन्फ्लुएंसर्स और एजेंसियों को सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद, सरकार से उन्हें विज्ञापन जारी किए जाएंगे, जिनके बदले उन्हें भुगतान किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सरल रखी गई है, ताकि इन्फ्लुएंसर्स आसानी से इस योजना में शामिल हो सकें।